
Raigarh News : रायगढ़। लगातार दो दिन से चर्चा के बाद भी ऐसा प्रतीत होता है कि इस हाई प्रोफाइल मामले में आज भी पूरे दिन पूरे शहर में चर्चा होती रहेगी । चर्चाओं में यह बताया जा रहा था कि एक पॉश कॉलोनी में स्त्री-पुरूष को संदिग्ध अवस्था में स्त्री के पति ने खुल्लम-खुल्ला देख लिया। उसके लिये ऐसा देखना उसके इज्जत और सामाजिक स्तर के लिहाज से अवांछनीय स्थिति थी। एक तरह से यह उसके पौरूष का भी अपमान था जाहिर है किसी भी शारीरिक हमले की तुलना में यह वाक्या उसे उसके भीतर तक चोट पहुंचाया होगा और वह अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पाया होगा। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि इसके बाद उसे अपनी पत्नी को किसी और के साथ हम बिस्तर होना, देखना नागंवार गुजरा होगा और उसका पौरूष जग उठा होगा। तो उसने अपने पौरूष की प्रतिष्ठा को बचाये रखने के लिये पत्नी के साथ हम बिस्तर मर्द की जमकर कुटाई भांड़े पर लाये गये गुंडे मवालियों से करवा दी। जाहिर सी बात है कि गैर की पत्नी के साथ हम बिस्तर होने वाला पीटा हुआ मर्द उसके साथ हुई मारपीट की रपट पुलिस में दर्ज कराने की हिम्मत या बेवकूफी नहीं कर पाया।
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नतीजतन यह मामला पुलिस थाने नहीं पहुंचा लेकिन समाज के लोगों के बीच चर्चा का विषय तो बन ही गया और न केवल एक कॉलोनी में जहां इस कथा के पात्र रहते है वही नहीं बल्कि यह वाक्या पूरे शहर में चर्चा का विषय देखते ही देखते बन गया और कल पूरे दिन से लेकर आज शाम तक इस वाक्ये पर लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा होती रही जो इन पंक्तियों के लिखे जाते जारी थी। सवाल यह कि किसी पुरूष का पर स्त्री गमन तो कानून के नजरों में गैर कानूनी है लेकिन क्या किसी विवाहिता स्त्री का पर पुरूष के साथ दैहिक संबंध कानून के अनुकूल है।
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Raigarh News : बहरहाल यही लिखना होगा कि यह सब इतना फजूल है। अभी ज्यादा से ज्यादा दो दिन तक इस मामले में चटखारे लेते हुए चर्चाएं की जायेंगी और उसके बाद ऐसे ही किसी दूसरे मामले का इंतजार किया जायेगा। याने दूसरे के गुसलखाने में छेद लगाकर झांकना। स्त्री-पुरूष के बीच के शारीरिक संबंधों को अगर महज देखने की चीज समझी जाती रहेगी तो समाज को ऐसे मामलों में दिलचस्पी लेने और गैर जरूरी चर्चा करने से रोका नहीं जा सकता। अब रहा सवाल इस मामले का बाकायदे पुलिस तक नहीं पहुंचने का लेकिन बेकायदे पुलिस के जानकारी में यह पूरा मामला है। हो सकता है ऐसे मामलों का कानूनी संज्ञान लेने का अधिकार पुलिस का न हो बावजूद इसके पुलिस के पास अपने कानूनी ताकत का इस्तेमाल गैर कानूनी तरीके से करने की कितनी शक्ति रहती है इसे बताने की जरूरत नहीं है।